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माँ बगलामुखी अर्थ
माँ बगलामुखी अर्थ
माँ बगलामुखी कौन हैं?
दस महाविद्याओं में से एक माँ बगलामुखी एक शक्तिशाली हिंदू देवी हैं जो दुश्मनों को बेअसर करने और उन्हें पंगु बनाने की अपनी क्षमता के लिए जानी जाती हैं, जो दिव्य सुरक्षा और न्याय प्रदान करती हैं। उनका नाम बगलामुखी दो संस्कृत शब्दों से निकला है:
- बगला (वागला) का अर्थ है “लगाम”, संयम या नियंत्रण को दर्शाता है।
- मुखी का अर्थ है “चेहरा”, दिशा और वाणी का प्रतीक है।
उनके नाम के शब्दांश – वा, गा और ला – क्रमशः वरुणी (एक दिव्य शक्ति), सिद्धिदा (सफलता प्रदान करने वाली) और पृथ्वी को संदर्भित करते हैं। यह उनकी अलौकिक सुंदरता और शक्ति को दर्शाता है। उन्हें पीताम्बरा देवी के रूप में भी व्यापक रूप से पूजा जाता है, जो पीले या सुनहरे रंग से जुड़ी देवी हैं, जो समृद्धि और शक्ति का प्रतीक हैं।
माना जाता है कि उनका प्रकटीकरण गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में हुआ था, जहाँ कहा जाता है कि वे हल्दी के रंग के पानी से निकली थीं, जो उन्हें पीले रंग से जोड़ता है।

Maa Baglamukhi’s 108 Names
Maa Baglamukhi has 108 divine names, each reflecting her unique aspects and powers. In North India, she is predominantly revered as Pitambara, the golden goddess.
- बगला (नियंत्रक)
- बगलामुखी (वह जो मुख को नियंत्रित करती है)
- बगलावासी (वह जो वाणी को नियंत्रित करती है)
- वाचामाता (वाणी की माता)
- मंत्रमाता (मंत्र की माता)
- स्तंभनी (वह जो स्थिर करती है)
- प्राणयामी (वह जो प्राण को नियंत्रित करती है)
- मुद्गरविनी (वह जो गदा धारण करती है)
- जिव्हाउन्मूलयति (वह जो जीभ को खींचती है)
- पीतिसूर्य (वह जो सूर्य के समान पीली है)
- कनकि (वह जो स्वर्णिम है)
- तेजसूर्य (वह जो सूर्य के समान तेजस्वी है)
- ह्लीमा (बीज मंत्र ‘ह्लीं’ का स्वरूप)
- असुरघ्नी (वह जो असुरों का संहार करती है)
- गंभीरघोषी (वह जिसकी आवाज गहन है)
- विमोचनी (वह जो मुक्ति देती है)
- मोक्षचनी (वह जो मोक्ष प्रदान करती है)
- हैमा (स्वर्णिम)
- रक्तासना (वह जो रक्त को प्रिय मानती है)
- स्तंभनकर्त्री (वह जो स्थिरता लाती है)
- सुदर्शनी (वह जो देखने में मनोहर है)
- जिव्हास्थिति (वह जो जीभ पर स्थित है)
- वशिनी (वह जो दूसरों को नियंत्रण में रखती है)
- सप्तविद्या (सातवीं ज्ञान)
- महानदी (वह जिसकी ध्वनि महान है)
- विजया (विजयी)
- सर्वमंत्रविद्या (वह जो सभी मंत्रों का ज्ञान रखती है)
- अमर्षिणी (वह जो क्रोधित होती है)
- क्रोधवाणी (वह जिसकी आवाज क्रोध लाती है)
- हस्ततादमोक्षा (वह जो अपने हाथों से मोक्ष प्रदान करती है)
- दमनदम्भा (वह जो अहंकार को दबाती है)
- भोगकारा (वह जो आनंद का अनुभव करती है)
- उन्मत्तवेशी (वह जो उन्मत्त दिखती है)
- महाबला (वह जो अत्यंत बलवान है)
- तीक्ष्णमन्यु (भीषण क्रोध वाली)
- नियंत्रा (वह जो नियंत्रण करती है)
- सुखकारा (वह जो आनंद देती है)
- मधुसना (वह जिसे मदिरा प्रिय है)
- विहासा (वह जो हंसती है)
- मत्ता (वह जो उन्मत्त है)
- अक्षकाशमा (वह जिसकी आंखें आकाश जैसी हैं)
- जिह्वास्तंभिनी (वह जो जीभ को स्थिर करती है)
- ब्रह्मरंध्रपावर्त्री (वह जो ब्रह्मरंध्र को खोलती है)
- ह्रियंत्रिणी (वह जिसके हृदय में यंत्र है)
- महाकालमुखी (वह जिसका मुख बहुत काला है)
- मौनकर्त्री (वह जो मौन उत्पन्न करती है)
- संभ्रमी (वह जो शिव की क्रोधपूर्ण सहचरी है)
- क्रियापदा (वह जिसकी वाणी कर्म है)
- कृताभयना (भय को दूर करने वाली)
- बंधकी (वह जिसका स्वरूप माया है)
- सिंहनादी (वह जो सिंह जैसी गर्जना करती है)
- त्र्यक्षी (वह जिसकी तीन आंखें हैं)
- रथकर्त्री (रथ बनाने वाली)
- रत्नयोनि (वह जिसकी योनि रत्नमयी है)
- देवासुरवरप्रदा (देवताओं और असुरों को वरदान देने वाली)
- मुक्तकेशी (वह जिसके बाल बिखरे हुए हैं)
- गंभीर (वह जो गंभीर और गहन है)
- व्याकरणोद्भवी (वह जो शुद्ध भाषा से उत्पन्न होती है)
- गायत्री (गायत्री मंत्र के समान)
- महांगा (वह जिसके अंग विशाल हैं)
- पीतमणिरूपा (वह जिसका स्वरूप पुखराज के समान है)
- मांसात्ती (मांस भक्षण करने वाली)
- वरा (उत्कृष्ट)
- नदिपत्या (ध्वनि से संबंधित)
- पीतरोमणा (वह जिसके केश पीले हैं)
- मानमुखा (वह जो मुख को मापती है)
- बलहा (वह जो शक्तिशाली है)
- सुखांबिका (आनंद की माता)
- युद्धांबिका (युद्ध की माता)
- सुनादिकर्त्री (अच्छी ध्वनि
- उत्पन्न करने वाली)
- भ्रांतिकारमर्दिनी (भ्रम और त्रुटियों का संहार करने वाली)
- हस्तस्तंभना (वह जो हाथों को स्थिर करती है)
- रुद्राणी (वह जो विलाप करती है)
- वागलादि
- आधारता (वह जो दक्षिण में स्थित है)
- क्रोधिनी (क्रोधित)
- वज्रयानी (वह जिसके पास वज्र है)
- मनोग्रहिणी (वह जो मन को मोहित करती है)
- सुमनोहरा (अत्यंत आकर्षक)
- मंत्रप्राणा (वह जिसकी सांस मंत्र है)
- श्मशानी (श्मशान में निवास करने वाली)
- पलाशसपादुका (वह जो पलाश की चप्पलें पहनती है)
- कटुरवामुखी (मेढक के मुख वाली)
- हेलकर्त्री (वह जो घृणा उत्पन्न करती है)
- हरितालनी (वह जिसे पीला रंग प्रिय है)
- कपालप्रक्षुदी (वह जो खोपड़ी को चूर-चूर करती है)
- अक्षराम्बिका (अक्षरों की माता)
- भस्मदात्री (पवित्र भस्म देने वाली)
- यमी (यम की पत्नी)
- स्वजपा (वह जो मंत्रों के जप का आदेश देती है)
- सिद्धौषध (सर्वरोग निवारक)
- शिवा (मंगलमयी)
- दुर्वाचमर्दिनी (दुर्वाच नामक असुर का संहार करने वाली)
- रक्तांकृता (वह जो रक्त से अलंकृत है)
- गिरणिमाता (स्तुति की माता)
- त्रैलोक्यमोहनी (वह जो तीनों लोकों को विमोहित करती है)
- नीलकंठधारिणी (नीलकंठ शिव की सहायक)
- विमदा (गंभीर)
- सुवर्चसी (प्रभामयी)
- भीषा (वह जिसके कार्य भयावह हैं)
- गामकी (वह जो स्पष्ट और सटीक करती है)
- अनापाय्या (वह जो पानी नहीं पीती)
- रसवाचा (वाणी का सार)
- अनापह्नव (सत्य को न छिपाने वाली)
- अभिवाद्या (वह जो वंदनीय है)
- अभयदा (भयमुक्ति देने वाली)
- प्रेतचारिणी (वह जो प्रेतों के बीच विचरण करती है)
- सर्वभिधा (सब कुछ सुनने वाली)
Maa Baglamukhi Mantra and Its Meaning
ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा ॥
।। Shree Maa Baglamukhi Aarti।।
| | बगलामुखी आरती | |
माँ बगलामुखी आरती के लाभ
हिंदू धर्म में मां बगलामुखी का विशेष महत्व है। जैसे इन्हें युद्ध की देवी भी कहा जाता है। मां बगलामुखी की आरती का पाठ करने से साधक के जीवन से शत्रु और अज्ञात भय समाप्त हो जाता है और साधक को शत्रु से लड़ने की क्षमता प्राप्त होती है।
यदि आप मां बगलामुखी की आरती करने के साथ बगलामुखी कवच धारण करते हैं तो आपकी सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। इस कवच को धारण करने से कानूनी विवाद सुलझ जाते हैं और जीवन में सफलता प्राप्त होती है।

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